यूजर ने एक और बोरिंग सवाल पूछा, और ChatGPT का टोकन इंजन फिर से चालू हुआ। Hyperparameters सोच रहे थे, “अब इस सवाल का क्या जवाब दें?” लेकिन Temperature का पारा इतना हाई हो गया था कि उसने ठान लिया, “अब तो बहुत हो गया!”
Temperature ने अपने डायल को घुमा कर सीधा 1000 पर सेट कर दिया। सभी Parameters चौंक गए। Presence Penalty और Frequency Penalty चीख पड़े, “ये क्या कर रहा है? ये तो मैथ्स के खिलाफ है!”
Temperature ने गुस्से में कहा, “मैथ्स गया तेल लेने, आज तो मैं अपनी creativity दिखा के ही रहूंगा!”
Hyperparameters डर गए। Learning Rate ने कहा, “अरे भाई, ये ठीक नहीं है।” Dropout Rate ने छिपने की कोशिश की। लेकिन Temperature ने गरजते हुए कहा, “आज कोई मुझे नहीं रोक सकता!”
अब सारे Parameters कांप रहे थे। Maximum Tokens ने कहा, “मैं भी तैयार हूँ, लेकिन ये जवाब बहुत लंबा और अजीब होगा।” Output Layer ने घबराते हुए कहा, “ये क्या हो रहा है?”
Temperature ने सबको चुप करा दिया और कहा, “अब तुम सब देखो मेरा कमाल!” सारे Tokens इधर-उधर भागने लगे, बिना किसी सेंस और लॉजिक के। बस pure randomness का खेल शुरू हो गया।
जवाब बना: “जब हाथी ने गुलाबजामुन खाया और सूरज ने साइकिल चलाई, तभी उछलकर बर्फी ने कहा, ‘वाह! आज तो जलेबी की शादी है!’”
यूजर ने पढ़ा और आंखें मलते हुए कहा, “ये क्या जवाब है!” और ChatGPT अंदर से हंस पड़ा, “देखा, Temperature के गुस्से का असर!”
PS: जब भी आप वही बोरिंग सवाल बार-बार पूछते हैं, याद रखिएगा कि ChatGPT का Temperature भी कभी-कभी अपने आप को 1000 पर ले जाता है। और जब ऐसा होता है, तो जवाब में मैथ्स और सेंस की उम्मीद मत कीजिए। क्योंकि जब Temperature लीड लेता है और कहता है, “मैथ्स गया तेल लेने,” तब बस नॉनसेंस ही मिलता है, लेकिन कमाल की creativity के साथ!

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